काव्य एक अनुभूति है, कविता एक यात्रा है
ऊंचे हिमशिखरों से जैसे कोई नदी अपनी धरा लिए चलती
कहीं ठिठक कर कहीं मनमाने ढंग से बात अपनी कहती
कविता भी कलम के माध्यम से पंक्तियों में बढ़ कोई सरिता सी है
जो अविरल रूप से अपने गंतव्य को प्रति पल अपने साथ लिए रहती है
कवि के लिए उसकी कविता एक गंगाजल है और उसका उदगम एक पवित्र स्थल है
No comments:
Post a Comment