जीवन पथ पर सभी साथी बिछड़ जाने हैं
जो आज साथ हँसते हैं कल मरघट तक भी नहीं जाने हैं
जीवन पथ पर सभी साथी बिछड़ जाने हैं
वक़्त के साए ख़ुशी में थे वक़्त के साए ग़म में भी
करता स्वयं को मान बैठता है मगर आदमी ही
रात के अँधेरे ही सुबह के तराने बन जाने हैं
जीवन पथ पर सभी साथी बिछड़ जाने हैं
मंजिलों और रास्तों की उलझन में खोता है आदमी
रास्तों पर चलके ही मंजिल को मंजिल समझता है आदमी
हासिल किये जो मुकाम रास्तों की गर्द बन जाने हैं
जीवन पथ पर सभी साथी बिछड़ जाने हैं
जीवन जो जिया जाता है जीवन वो न जिया जाता है
जीवन जो बह लेता है जीवन वो जीवन होता है
जीवन में चिंताओं के भार नहीं उठाने होते हैं
जीवन पथ पर सभी साथी बिछड़ जाने हैं
जीवन वो ही जीवन नहीं जो जीवन के साथ है
जीवन वो भी जीवन है जो मृत्यु के बाद है
जीवन पथ ऐसा सागर जिसमे नहीं किनारे हैं
जीवन पथ पर सभी साथी बिछड़ जाने हैं
शब्दों की जीवंत भावनाएं... सुन्दर चित्रांकन,पोस्ट दिल को छू गयी.......कितने खुबसूरत जज्बात डाल दिए हैं आपने.बहुत खूब.
ReplyDeleteबहुत सुंदर भावनायें और शब्द भी ...बेह्तरीन अभिव्यक्ति ...!!शुभकामनायें.
आपका ब्लॉग देखा मैने और नमन है आपको और बहुत ही सुन्दर शब्दों से सजाया गया है लिखते रहिये और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये.